हमारी संस्कृति, हमारी जिम्मेदारी।
🌿 **JGO Foundation –
पर्यावरण: हमारी संस्कृति, हमारी जिम्मेदारी**
पर्यावरण संरक्षण केवल एक अभियान नहीं, बल्कि हमारी विरासत, हमारी संस्कृति और हमारे भविष्य की सुरक्षा का आधार है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए JGO Foundation ने अपने मिशन “पर्यावरण – हमारी संस्कृति, हमारी जिम्मेदारी” के तहत पंद्रह सौ पौधों का वितरण किया।
इस पहल का उद्देश्य सिर्फ़ पौधे बाँटना नहीं था, बल्कि समाज के हर वर्ग—बच्चों, युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों—को प्रकृति से जोड़ना, और पर्यावरण-संरक्षण को उनकी रोज़मर्रा की आदत बनाना था।
“कभी-कभी बदलाव किसी बड़ी क्रांति से नहीं…
बस एक छोटे-से पौधे से शुरू होता है।”
इसी विश्वास के साथ जय गणेशी ऑर्गेनाइजर फ़ाउंडेशन ने अपनी पर्यावरण-सेवा यात्रा की शुरुआत की। यह संकलन न केवल हमारे काम को दर्शाता है, बल्कि हमारी नीयत, हमारे संकल्प और हमारी निरंतर मेहनत का सच्चा प्रतिबिंब भी है।
जहाँ भी हरियाली की थोड़ी-सी उम्मीद दिखी,
वहाँ-वहाँ JGO Foundation की टीम पहुँची।
✔ तुलसी पौधों का वितरण
आयोजनों में तुलसी के पवित्र पौधे बाँटकर,
स्वस्थ वायु और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश दिया गया।
✔ सम्मान में पौधे – महँगे उपहार नहीं
किसी विशेष व्यक्ति के अच्छे कार्य के सम्मान में
मीठे नीम का पौधा देकर समाज को संदेश दिया गया—
“सम्मान वही… जो धरती को भी सम्मान दे।”
✔ हर जगह हरियाली
झुग्गियों की तंग गलियों से लेकर पार्कों की हरियाली,
और सड़क किनारे के धूल से भरे रास्तों तक…
हमने पौधे लगाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को मिले—
ठंडी छाँव और स्वच्छ हवा।
इस अभियान की सबसे खूबसूरत बात रही—
सबकी सहभागिता।
स्वयंसेवकों ने अपने परिश्रम से पौधे लगाए
झुग्गी-झोपड़ी के परिवारों ने अपने आँगन में हरियाली अपनाई
कॉलोनियों की महिलाओं ने श्रमदान किया
युवाओं ने अपनी ऊर्जा से इस अभियान में नई गति भरी
यह केवल एक “कार्यक्रम” नहीं,
धरती माता के प्रति हमारी निरंतर जिम्मेदारी है।
हमारा प्रण है—
✔ जहाँ साँसें थकी होंगी, वहाँ हरियाली का नया जीवन देंगे
✔ जहाँ प्रकृति रूठी होगी, वहाँ उसकी मुस्कान बनेंगे
हमारी नारी-शक्ति की मेहनत से
समाज की आस्था और सहयोग से
और JGO Foundation के सतत् संकल्प से
हम आज सिर्फ़ पौधे नहीं लगा रहे,
हम आने वाले कल को सुरक्षित कर रहे हैं।
हम पेड़ नहीं उगा रहे,
हम उम्मीदें बो रहे हैं।
हरियाली को व्यवहार बनाएं,**
और प्रकृति-संरक्षण को रोज़मर्रा की आदत।
🌼 जय गणेशी ऑर्गेनाइजर फ़ाउंडेशन
“पर्यावरण – हमारी संस्कृति, हमारी जिम्मेदारी।”