(सरकारी आंगनबाड़ी प्राइवेट स्कूल पे भारी )
JGO फाउंडेशन द्वारा संचालित “शिक्षाके क्षेत्र में पहल” परियोजना शिक्षा के क्षेत्र में एक अभिनव पहल रही, जिसका उद्देश्य सरकारी आंगनवाड़ी केंद्रों को निजी प्ले स्कूलों के समकक्ष खड़ा करना तथा बालकों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना था। यह परियोजना बीकानेर समीपस्थ गाँव आंगनवाड़ी केंद्र में आयोजित की गई, जहाँ 3 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को केंद्र में आकर्षित कर उन्हें गुणवत्तापूर्ण विद्यालय पूर्व शिक्षा देने का प्रयास किया गया। प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य था— आंगनवाड़ी में बच्चों की संख्या बढ़ाना, स्वच्छता व स्वास्थ्य की आदतें विकसित करना, भाषा, गणित, नैतिकता और शारीरिक विकास को प्रोत्साहित करना।
छह दिवसीय इस अभियान में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में अनुशासन, प्रार्थना, राष्ट्रगान, योग, कविता, खेल, कहानी व रंगों के अभ्यास कराए गए। उदाहरणस्वरूप, बच्चों को ‘अ से अ: ' स्वरसे बनने वाले शब्द, 1 से 20 तक गिनती, A-Z वर्णमाला, मेंढक दौड़, चम्मच दौड़, टिपि-टिपि टॉप जैसे खेलों से जोड़ा गया। कहानियों और कविताओं के माध्यम से नैतिक शिक्षा दी गई तथा पंचतत्व की जानकारी भी सरल भाषा में समझाई गई। प्रत्येक दिन की गतिविधियाँ पूर्व नियोजित रहीं, जिनका संचालन स्वयंसेवकों द्वारा किया गया। बच्चों की रुचि और भागीदारी दिन-प्रतिदिन बढ़ी, जिससे अभिभावकों की जागरूकता और आंगनवाड़ी के प्रति विश्वास में भी इजाफा हुआ।
प्रोजेक्ट की कार्यप्रणाली ने यह साबित किया कि सीमित संसाधनों के बावजूद यदि समर्पित टीम और योजनाबद्ध क्रियान्वयन हो तो सरकारी आंगनवाड़ी निजी प्ले स्कूलों से कम नहीं रह सकती। इस पहल से बच्चों के आचरण, भाषा कौशल, स्वास्थ्य आदतों व सामाजिक व्यवहार में स्पष्ट परिवर्तन देखा गया। साथ ही, बाहरी खाद्य पदार्थों की आदत पर भी रोक लगाने का प्रयास किया गया और बच्चों को फल, दूध व पौष्टिक आहार की ओर प्रेरित किया गया। हालांकि कुछ चुनौतियाँ भी सामने आईं, जैसे जल की उपलब्धता, सहायिका की ट्रेनिंग का अभाव, दूध का अभाव व मिश्रित आयु वर्ग के बच्चों की उपस्थिति, जिनके समाधान हेतु प्रशासनिक सुझाव तैयार किए गए।
अंत में, यह निष्कर्ष निकला कि “शिक्षा के क्षेत्र में पहल” जैसी अन्य कदम ग्रामीण व निम्न आय वर्गीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बन सकती हैं। यह परियोजना न केवल बच्चों के लिए, बल्कि अभिभावकों, स्थानीय समुदाय और आंगनवाड़ी व्यवस्थापन के लिए भी प्रेरणादायी रही। JGO फाउंडेशन की यह मुहिम शिक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत हस्तक्षेप साबित हुई, जिसने साबित कर दिया कि निजी प्ले स्कूलों की चमक के बीच भी सरकारी आंगनवाड़ी यदि सही दिशा पाए, तो भविष्य निर्माण की सशक्त नींव बन सकती है।