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21 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर JGO फाउंडेशन ने “अपना घर” अनाथ आश्रम में YOGA PARTY नामक एक विशेष आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह कार्यक्रम उन आश्रमवासियों को समर्पित रहा, जो जीवन में कभी समाज का हिस्सा रहे, लेकिन समय, परिस्थितियों और उपेक्षा के कारण समाज की स्मृति से मिटते चले गए। यह आयोजन केवल योग अभ्यास या स्वास्थ्य जागरूकता का माध्यम नहीं रहा, बल्कि इसका मूल उद्देश्य उन्हें फिर से जीवन से जोड़ना और यह महसूस कराना था कि वे अकेले नहीं हैं। जिन लोगों ने सालों से केवल दिन गिनकर जीवन बिताया था, जो मुस्कराना तक भूल चुके थे, उन्हें इस एक दिन ने साथ, स्नेह और सम्मान का अनुभव कराया।

कार्यक्रम की शुरुआत बेहद आत्मीय वातावरण में हुई। किसी औपचारिकता के बजाय, अपनत्व और सहयोग की भावना ने पूरे आयोजन को विशेष बना दिया। हर आश्रमवासी को यह एहसास हुआ कि यह कार्यक्रम केवल उनके लिए है और वे इसके केंद्र में हैं। धीरे-धीरे जब सभी सहभागी एकत्रित हुए, तो परिसर में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। उन्हें भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया गया, बल्कि प्रेम और सम्मान से उनके मन को जोड़ा गया। जो चेहरे पहले गंभीर और मौन थे, वे थोड़ी ही देर में मुस्कराने लगे। इस आयोजन ने उनके मन और तन दोनों को हल्का कर दिया।

जो लोग वर्षों से एक जैसी दिनचर्या में जी रहे थे, उनके चेहरे पर खुशी और हल्केपन की झलक देखी गई। पहले जो शरीर निष्क्रिय प्रतीत होते थे, वे इस आयोजन के दौरान सक्रिय और उत्साही नजर आए। यह आयोजन उनके लिए केवल एक गतिविधि नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान की पुनर्प्राप्ति जैसा अनुभव रहा। उन्हें लगा कि उनका होना मूल्यवान है और उनके जीवन में भी उल्लास और आत्मीयता का स्थान है।

इस आयोजन में किसी जटिल प्रक्रिया का उपयोग नहीं किया गया। सब कुछ सरल, सहज और भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ रहा। ताली बजाने से लेकर एक-दूसरे की बात सुनने तक, हर क्षण मानवीय करुणा और प्रेम से भरा हुआ था। आयोजन टीम ने न केवल निर्देश दिए, बल्कि हर व्यक्ति से संवाद किया, उन्हें सुना, उनका मन टटोला और उनके साथ समय बिताया — जो शायद उनके लिए सबसे बड़ी ज़रूरत थी।

कार्यक्रम के अंत में जब सभी एक साथ बैठे और सामूहिक रूप से अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं, तो वहाँ केवल संतोष नहीं, बल्कि गहराई से जुड़ी हुई ऊर्जा भी महसूस की गई। आश्रमवासियों के चेहरों पर आत्मिक सुकून और छोटी-छोटी मुस्कानें यह बता रही थीं कि यह दिन उनके लिए साधारण नहीं रहा। JGO फाउंडेशन का यह प्रयास एक सामाजिक सेवा से कहीं अधिक, मानवता का सजीव उदाहरण बन गया।

YOGA PARTY ने यह साबित किया कि जब योग में करुणा, प्रेम और आनंद जुड़ जाए, तब वह केवल एक अभ्यास नहीं रहता — वह एक अनुभव बन जाता है, जो जीवन को फिर से स्पर्श करता है।