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JGO Foundation द्वारा आयोजित “धर्म-संगम @HAPPY NEW YEARप्रोजेक्ट” समाज में सांस्कृतिक समरसता, धार्मिक सद्भाव और सामाजिक एकता की मिसाल साबित हुआ।   सुदर्शना नगर, बीकानेर में आयोजित कुल 35 परिवारों ने भाग लिया। यह आयोजन विक्रम संवत 2082 के हिंदू नववर्ष के अवसर पर हुआ, जिसे विभिन्न धर्मों और परंपराओं को एकजुट कर मनाया गया। स्वयंसेवकों की टीम ने घर-घर जाकर मंगल गीत गाए, द्वारों पर स्वास्तिक और शुभ-लाभ जैसे प्रतीक बनाए तथा चंदन का तिलक कर सभी को नववर्ष की शुभकामनाएँ दीं। इस दौरान ‘हैप्पी न्यू ईयर’ के स्थान पर पारंपरिक गीतों और हिंदू नववर्ष की सांस्कृतिक भावना को प्राथमिकता दी गई। कार्यक्रम की आत्मा यह थी कि हर परिवार, चाहे वह किसी भी धर्म या संप्रदाय से जुड़ा हो, एक-दूसरे की संस्कृति का सम्मान करे और मिल-जुलकर पर्व मनाए। मुस्लिम परिवारों ने रमजान के समापन के उपरांत ईद की शुभकामनाएं दीं और गले मिलकर प्रेम प्रकट किया। सिख परिवारों ने लोहड़ी की भावना साझा की, वहीं कुछ प्रांतीय परिवारों को गुड़ी पड़वा जैसे पर्व की बधाइयाँ दी गईं। ईसाई समुदाय ने सामूहिक प्रार्थना के माध्यम से प्रेम और दया का संदेश दिया।

प्रोजेक्ट का विशेष आकर्षण यह रहा कि यह सिर्फ धार्मिक त्योहारों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें राजस्थान दिवस और गणगौर पूजा जैसे स्थानीय सांस्कृतिक पर्वों को भी शामिल किया गया। सभी धर्मों और समुदायों ने एक-दूसरे के उत्सवों में रुचि दिखाई और भागीदारी की भावना विकसित की। इस प्रक्रिया ने लोगों के दिलों में विश्वास और सम्मान की भावना को बढ़ाया, जिससे "मेरी गली तेरी गली" जैसी सोच की जगह "हमारी गली हमारा समाज" का भाव उभरा। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं ने भी पूरे उत्साह से भाग लिया, जिससे यह आयोजन पारिवारिक और सामुदायिक उत्सव में बदल गया।

धर्म-संगम प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि इसने लोगों को उनके धार्मिक प्रतीकों, विचारों और भावनाओं के साथ जोड़ते हुए, दूसरे समुदायों के प्रतीकों और परंपराओं का आदर करना सिखाया। यह पहल केवल एक दिन के आयोजन तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने समाज में दीर्घकालीन सोच और समरसता का बीजारोपण किया। सभी स्वयंसेवकों ने अपनी-अपनी भूमिका अत्यंत निष्ठा और आत्मीयता से निभाई। इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट हुआ कि जब हम धर्म और संस्कृति को विभाजन नहीं, बल्कि सहयोग और सम्मान का माध्यम मानते हैं, तभी एक सशक्त, सुसंस्कृत और एकजुट समाज का निर्माण संभव है। “धर्म-संगम @HAPPY NEW YEARप्रोजेक्ट”  इस दिशा में एक प्रेरणादायक कदम सिद्ध हुआ।